चायकॉपी
ज़िन्दगी: चाय की एक चुस्की
Thursday, June 28, 2007
तेरे बारे में लिखना बहुत चाहती थी ये कलम
बहुत ढूँढा घर में, स्याही रखने को मर्तबान ना मिला
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